जेनेवा । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने द.अफ्रीका से उड़ानों पर लगाए जा रहे यात्रा प्रतिबंधों पर निराशा जाहिर की।कोविड के अधिक संक्रामक स्वरूप ओमिक्रॉन की सबसे पहले पहचान दक्षिण अफ्रीका में ही की गई थी।वैश्विक संस्था ने नए वेरिएंट को न छिपाने के लिए दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना को धन्यवाद भी दिया, जिन्होंने ओमिक्रॉन के पहले मामलों की सूचना दी थी।डब्ल्यूएचओ ने कहा मैं इस नए कोविड-19 संस्करण का तेजी से पता लगाने, अनुक्रमण और रिपोर्ट करने के लिए दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना को धन्यवाद देता हूं।यह मेरे लिए बहुत निराशाजनक है कि कुछ देशों ने ओमिक्रॉन वेरिएंट की वह से दक्षिणी अफ्रीका से सीधी उड़ानों पर रोक लगा दी है।
इस बीच, डब्ल्यूएचओ ने निगरानी एवं संपर्कों की पहचान की कोशिशें तेज करने के लिए दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन का केंद्र समझे जाने वाले गौतेंग प्रांत में विशेषज्ञों का एक दल भेजा है। दक्षिण अफ्रीका संक्रमण के बढ़ते मामलों से जूझ रहा है।विश्व स्वास्थ्य संगठन के अफ्रीका के क्षेत्रीय आपात निदेशक डॉ. सलेमगुये ने कहा था, हम निगरानी एवं संपर्कों का पता लगाने में मदद करने के लिए गौतेंग प्रांत में एक दल तैनात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक दल पहले से ही दक्षिण अफ्रीका में जीनोम क्रमसंरचना पर काम कर रहा है।वैज्ञानिकों का कहना है कि ‘ओमिक्रॉन’ वेरिएंट कई बार उत्परिवर्तन का नतीजा है।कोविड के अधिक संक्रामक स्वरूप बी.1.1.1.529 के बारे में पहली बार 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन को सूचित किया गया था।इसके बाद बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग, इजरायल, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, नीदरलैंड, जापान, जर्मनी और फ्रांस सहित कई देशों में भी इसकी पहचान की गई है।ओमिक्रॉन को कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों में सबसे खतरनाक माना जा रहा है।