गत वर्ष कोरोना काल की दर्दनाक कहानी के बीच से गुजरने के बाद आने वाले वर्ष राहत भरा होगा पर लापरवाही एवं ढ़िलाई ने वर्ष के प्रारम्भ काल को कोरोना के गाल में फिर से फांस दिया जहां आक्सीजन एवं दवाई के आभाव में पहले से कई गुणा ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव देश को झेलना पड़ा। इस दौरान इस पर नियंत्रण हेतु टीकाकरण का अभियान देशभर में चला। अंततरू सफलता भी मिली। इस बार पूर्व की तरह लॉकडाउन तो नहीं लगा पर कोरोना गाइड पालना के प्रति सजगता बढ़ गई। इस वर्ष कोरोना का नया रूप ओमीक्रॉन भी वर्ष के अंतराल में प्रवेश कर चुका है। पूर्व की तरह इसके हालात अभी नजर तो नहीं आ रहे पर यदि लापरवाही फिर से बरती गई तो आने वाले वर्ष इस कोरोना के नये स्वरूप के चंगुल में फिर से उलझ न जाय, कुछ कहा नहीं जा सकता। जबकि 18 वर्ष उम्र के बाद देश की अधिकांष आवाम को वैक्सीन लग चुका है एवं शेष को लगाने की तैयारी तेजी से चल रही है। टीका लगे लोगों के ओमीक्रॉन का शिकार होने की घटना भी कोरोना गाइड पालना का संदेश दे रही है।
वर्ष के अंतराल में चुनावी प्रभाव से प्रभावित कई दृश्य नजर आ रहे है जहां देश के सभी राजनीतिक दल आगामी वर्ष के प्रारम्भ में होने जा रहे पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव के पूर्व सक्रिय हो चले है। इसी दिशा में सत्ता पक्ष केन्द्र सरकार की ओर से पारित तीन नई कृशि बिल जिसका विरोध देशभर में हुआ, किसान आंदोलन लम्बे समय तक चला, जिसे किसानों के हित में बताया गया फिर से वापिस लेने का बिल संसद में लाया गया, पारित कराया गया एवं चुनाव पूर्व नराज किसानों को खुश करने का प्रयास किया गया। इस परिप्रेक्ष्य में लम्बें अंतराल स ेचल रहा किसान आंदोलन भी वर्ष के अंतराल में समाप्त हो गया। महंगाई को लेकर केन्द्र की सत्ता पक्ष को घेरने एवं अपना राजनीतिक कद बढ़ाने की दिशा में कांग्रेस ने जयपुर में महारैली का आयोजन किया। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस, सपा, भाजपा अपने अपने तरीके से पद यात्रा, रैली , आमसभा आयोजन करते नजर आ रहे है। पंजाब जहां कांग्रेस की सरकार है वहां इसी वर्ष कांग्रेस में बदले गये तत्कालीन मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने नई पार्टी का गठन कर चुनाव पूर्व भाजपा से मिलकर चुनाव लड़ने की पृश्ठभूमि तैयार कर ली है जिससे चुनाव में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। केन्द्र सरकार ने लड़कियों की शादी की उम्र 21 वर्ष करने का बिल भी सदन में पारित करा लिया है,। केन्द्र सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण किये जाने के विरोध में देश के समस्त बैंकों ने दो दिवसीय हड़ताल भी किया।
वर्ष के अंतराल में आया संसद का शीतकालीन सत्र अधिकांश हंगामें की भेंट चढ़ा जहां विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों को संसद सत्रकाल के लिये निलंबित भी किया गया।
वर्ष का अंतराल दर्दनाक घटना का शिकार भी रहा जहां देश की सेना के सर्वोच्य पद पर विराजमान सीडीएस विपीन रावत , उनकी पत्नी एवं उसके सहयोगी दल के 12 सदस्यों की हेलीकैप्टर क्रास हादसे में हुई मौत ने पूरे देश का दिल झकझोर दिया।
वर्ष के अंतराल में विश्व युद्ध होने की भी गूंज सुनाई देने लगी है जहां पड़ौसी देश पाक एवं चीन के नापाक इरादे भी नजर आने लगे है। इस तरह की स्थिति कोरोना से भी ज्यादा दर्द आगामी वर्ष को सौगात दे सकती है। जैसा भी वर्ष के अंतराल में आगामी वर्ष का भविश्य समाहित है।