नई दिल्ली। यात्री ट्रेन से सफर करने की तैयारियां समय से काफी जल्दी शुरू करते हैं। इसका पहला चरण होता है, कंफर्म टिकट खरीदना। लेकिन कई बार यात्रा में बदलाव या अन्य कारणों की वजह से उन्हें टिकट कैंसिल कराना पड़ता है, जिस पर रेलवे कैंसिलेशन फीस वसूलता है। सवाल ये है कि क्या इस फीस पर जीएसटी भी लागू होगा?
रेल यात्रियों की इसी आशंका पर रेलवे ने बताया है कि 23 सितंबर, 2017 को जारी बयान के मुताबिक, टिकट को कैंसिल कराने की स्थिति में रेलवे नियमों के अनुसार टिकट बुकिंग के समय लिया गया जीएसटी भी टिकट के मूल्य के साथ वापस कर दिया जाता है। हालांकि, हर टिकट को कैंसिल कराने पर रेल विभाग कुछ कैंसिलेशन चार्ज वसूलता है, जो उसके रिफंड नियमों के तहत लागू होता है। इस कैंसिलेशन चार्ज पर रेलवे अब जीएसटी भी वसूलेगा। रेल विभाग ने कहा है कि यह जीएसटी वित्त मंत्रालय के निर्देशानुसार वसूला जाएगा। हालांकि, यह शुल्क सिर्फ एसी और फर्स्ट क्लास के टिकट पर ही लागू होगा।
रेलवे के मौजूदा नियमों के तहत अगर कंफर्म टिकट को ट्रेन छूटने के 48 घंटे के भीतर कैंसिल कराया जाता है,तब एसी फर्स्ट क्लास पर 240 रुपये, एसी टीयर 2 पर 200 रुपये, एसी टीयर 3 और चेयर कार पर 180 रुपये, स्लीपर क्लास पर 120 रुपये और सेंकड क्लास के टिकट पर 60 रुपये कैंसिलेशन चार्ज के रूप में वसूला जाता है। यह प्रति पैसेंजर के हिसाब से लगाया जाता है। अगर ट्रेन छूटने के 12 घंटे के भीतर टिकट को कैंसिल कराया जाता है, तब टिकट के किराये का 25 फीसदी शुल्क वसूला जाता है। अगर इसी कंफर्म टिकट को ट्रेन छूटने के 4 घंटे के भीतर कैंसिल कराते हैं, तब किराये का 50 फीसदी कैंसिलेशन चार्ज के रूप में वसूला जा सकता है।
एक सामान्य यात्री के लिए चार्ट बनने के बाद ई-टिकट को कैंसिल नहीं कराया जा सकता है। इसतरह के मामले में यूजर को ऑनलाइन टीडीआर फाइल करने के लिए कहा जाता है। यूजर चाहें तब अपना स्टेटस भी आईआरसीटीसी के जरिये ट्रैक कर सकते हैं। अगर ट्रेन छूटने के चार घंटे से पहले टिकट को कैंसिल नहीं कराया जाता या टीडीआर फाइल नहीं किया जाता है,तब यात्री को कोई भी रिफंड नहीं मिलेगा।