नई दिल्ली। भारत पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बदलने और वायु प्रदूषण को रोकने के प्रयास में 10 अरब डॉलर लगभग 1,000 करोड़ रूपये की इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की योजना बना रहा है। भारत, दुनिया के कुछ सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों वाला देश है। यहां सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करके वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। केंद्र सरकार ने 2070 तक प्योर जीरो उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य रखा है। केंद्र की एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड की सहायक कंपनी कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड जल्द ही इन इलेक्ट्रिक बसों के लिए टेंडर जारी करने की योजना बना रही है। सीईएसएल ने कहा कि वह इलेक्ट्रिक बसों के साथ-साथ ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर के स्थानीय निर्माण पर फोकस करेगी, क्योंकि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ती जा रही है। सीईएसएल के मैनेजिंग डायरेक्टर महुआ आचार्य ने एक इंटरव्यू के दौरान ब्लूमबर्ग टेलीविजन के हवाले से कहा, “यह देश अपनी इलेक्ट्रिक वाहनों की महत्वाकांक्षा पर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसलिए फाइनेंसिंग एक चुनौती बना हुई है। भारत के प्रमुख शहरों, जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु सार्वजनिक परिवहन के रूप में इलेक्ट्रिक बसों को शामिल कर रहे हैं। कई राज्यों ने अपनी पर्सनल ईवी पॉलिसी की घोषणा भी कर दी है। इनमें आने वाले दिनों में सार्वजनिक परिवहन वाहनों का इलेक्ट्रिफिकेशन शामिल है।