नई दिल्ली । भारत और रूस के बीच सोमवार को द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अफगानिस्तान सहित कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। दिल्ली में सोमवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डा.एस जयशंकर ने अपने रूसी समकक्षों क्रमशरू जनरल सर्गेइ शोइगु और सर्गी लेवरोव से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई रक्षा समझौतों पर भी हस्ताक्षर हुए,इसमें एके-203 को लेकर भी करार हुआ।
इस दौरान रक्षामंत्री ने कहा, रक्षा सहयोग भारत-रूस के बीच साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। मुझे उम्मीद है कि यह साझेदारी सभी जगह शांति लेकर स्थिरता प्रदान करेगी। वहीं, रूसी विदेश मंत्री जनरल सर्गेइ शोइगु ने कहा कि दोनों देशों के संबंध के लिए इनदिनों सैन्य और तकनीकी क्षेत्र में भारत-रूस का सहयोग विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
वहीं,जयशंकर ने सर्गी लेवरोव के साथ बातचीत में कहा कि हमारे लिए वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन एक अनूठा आयोजन है, जो दो साल के अंतराल के बाद होने वाला है।पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच विश्वास का रिश्ता है। दोनों देशों के बीच जो साझेदारी है, वह काफी खास और अनोखी है। विदेश मंत्री ने कहा, हम आशा करते हैं कि शिखर सम्मेलन से महत्वपूर्ण परिणाम देखने को मिलेगा।उन्होंने आगे कहा, मैं इस बात पर भी जोर देना चाहूंगा कि रूस के साथ द्विपक्षीय रिश्तों और हमारे बीच सहयोग की स्थिति को लेकर मैं बहुत संतुष्ट हूं।
अमेठी में लगेगी राइफलों की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, तैयार होगी 5 लाख एके-203 राइफल
भारत और रूस के बीच लंबे इंतजार के बाद एके-203 रायफलों के लिए 5,100 करोड़ रुपये की डिफेंस डील हुई है। इन राइफलों की मैन्युफैक्चरिंग अमेठी में होगा। सोमवार को डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह और रूसी रक्षा मंत्री सेरगे शोइगु के बीच हुई बातचीत के दौरान यह डील फाइनल हुई है।डील के तहत 5 लाख से ज्यादा राइफलें तैयार होनी हैं,इससे सेना को बड़ी मदद मिलेगी।इतना ही नहीं इस अमेठी के विकास और रोजगार की उपलब्धता के लिहाज से भी अहम है। रूस और भारत के बीच अगले 10 साल तक सैन्य तकनीक के सहयोग को लेकर भी करार हुआ है। यह अग्रीमेंट 2021 से 2031 तक लागू रहेगा।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डील के बारे में जानकारी देकर ट्वीट किया, श्भारत को मजबूत सहयोग देने के लिए हम रूस का अभिनंदन करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि यह सहयोग शांति, सद्भाव और स्थिरता लेकर आएगा। हर्ष की बात है कि हमारे बीच छोटे हथियारों के निर्माण और सैन्य सहयोग को लेकर कई तरह के करार हुए हैं। समिट के दौरान भारत और रूस के बीच रक्षा करारों के अलावा ट्रेड, स्पेस, तकनीक और ऊर्जा के क्षेत्र में भी कुछ समझौते हो सकते हैं। दोनों पक्षों के बीच अफगानिस्तान और क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर भी बात होने की उम्मीद है। शनिवार को ही भारत सरकार ने अमेठी में एके-203 राइफलों के मैन्युफैक्चरिंग को लेकर फैसला लिया था। इसे इंडो-रसियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से जॉइंट वेंचर के तौर पर किया जाएगा।