नई दिल्ली। पेट्रोल पंप संचालक कंपनियों से अधिक कमीशन की मांग कर रहे है उनका कहना है कि पेट्रोल और डीजल ऊंचे दामों में मिल रहे, लेकिन जिस पेट्रोल पंप से हम तेल खरीदते हैं, उनका कहना है कि कमाई अब बेहद कम हो गई है। बस बाबत डीलरों ने आवाज तो उठाई लेकिन कंपनियां अभी उनका कमीशन बढ़ाने के मूड में नहीं दिख रहीं। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। लिहाजा सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (ओएमसी) फिलहाल डीलरों का कमीशन नहीं बढ़ाना चाहती हैं। डीलरों ने भी पिछली बार हुई बढ़ोतरी का लाभ अभी तक कर्मचारियों को नहीं दिया है। साल 2017 में डीलरों का कमीशन 55 फीसदी बढ़ाया गया था, लेकिन इससे होने वाले लाभ को पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों तक नहीं पहुंचाया गया।
पेट्रोल पंप एसोसिएशन कई बार ओएमसी से उनका कमीशन बढ़ाने की मांग कर चुके हैं और सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में भी अपील की थी। यहां दिल्ली हाईकोर्ट ने ओएमसी के पक्ष में फैसल सुनाया तो डीलर संगठन सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचे। हाईकोर्ट में ओएमसी ने कहा कि डीलरों ने पिछली बार की गई बढ़ोतरी का लाभ अपने कर्मचारियों तक नहीं पहुंचाया। उन्हें अपने कर्मचारियों को केंद्र की ओर से तय मिनिमम वेज के साथ पीएफ, बोनस और ग्रेच्युटी भी देना चाहिए। ओएमसी अधिकारी ने कहा, चूंकि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधानी है, लिहाजा कंपनियां अभी कमीशन रिवाइज करने पर कोई फैसला नहीं कर सकती हैं।
इस बाबत सही जवाब के लिए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड, इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के पास सवाल भेजे गए हैं। जिस पर फिलहाल अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल का कहना है कि पेट्रोल पंप सरकार की ओर से तय किए गए मिनिमम वेज को अपने कर्मचारियों को देने के लिए बाध्य हैं। लेकिन, अभी डीलर्स को मिल रहे कमीशन पर भी ध्यान देना चाहिए। अभी डीलर्स को पेट्रोल पर प्रति लीटर 2.90 रुपये और डीजल पर 1.85 रुपये का कमीशन दिया जा रहा है। पंप डीलर्स इससे पहले अपने कमीशन के लिए हड़ताल भी कर चुके हैं। पिछले महीने देशभर के करीब 70 हजार पेट्रोल पंप ने ओएमसी से एक दिन के लिए तेल खरीदने से इनकार कर दिया था। हालांकि, इसका उपभोक्ताओं पर असर नहीं पड़ा क्योंकि पंप के पास एक-दो दिन का रिजर्व तेल रहता है, लेकिन पेट्रोलियम कंपनियों के करोड़ों लीटर तेल एक दिन के लिए नहीं बिक सके थे। बावजूद इसके कमीशन को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ।