नई दिल्ली । पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है। पेरारिवलन पिछले 31 सालों से जेल में बंद है। पेरारिवलन ने अपनी रिहाई में होनी वाली देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। साल 2018 में तमिलनाडु सरकार ने उन्हें रिहा करने की सिफारिश की थी। इसके बाद ये मामला कानूनी पेंच में फंस गया था। जस्टिस एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की पीठ ने कहा कि तमिलनाडु राज्य मंत्रिमंडल ने अपने विचार से पेरारिवलन को छूट देने का निर्णय लिया। पीठ ने कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने में ज्यादा देरी न्यायिक समीक्षा के अधीन हो सकती है।
बता दें कि 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में जनसभा के दौरान हत्या कर दी गई थी। इसके बाद 11 जून 1991 को पेरारिवलन को गिरफ्तार किया गया था। ये एक आत्मघाती हमला था। बम धमाके के लिए इस्तेमाल की गई दो 9 वोल्ट की बैटरी खरीद कर मास्टरमाइंड शिवरासन को पेरारिवलन ने ही दिया था। बता दें कि पेरारिवलन को साल 1998 में टाडा कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। बाद में सजा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। साल 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने सजा को बरकरार रखने का आदेश दिया था। हालांकि इसके बाद साल 2014 में इसे मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया।
इसके बाद तमिलनाडु सारकार के फैसले के बाद इस साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन को जमानत दे दी।लेकिन केंद्र सरकार ने उसकी याचिका का विरोध किया। साथ ही कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल ने मामले को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेज दिया है, जिन्होंने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं किया है।