चंडीगढ़। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद चर्चा में आए जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की पंजाब पुलिस के एनकाउंटर के डर से पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया गया है। हाईकोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या को लेकर दर्ज की गई एफआईआर में लॉरेंस बिश्नोई का नाम ही नहीं है। इसलिए इस याचिका का कोई औचित्य ही नहीं है। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस याचिका को रद्द कर दिया। लॉरेंस बिश्नोई ने दिल्ली उच्च न्यायालय से याचिका वापस लेने के बाद पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख किया था।
बिश्नोई के वकील संग्राम सिंह सरोन और शुभरीत कौर ने यह याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि पिछले सप्ताह पंजाबी गायक और रैपर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद दर्ज मामले के संबंध में जांच के लिए लॉरेंस बिश्नोई को पंजाब के मानसा लाए जाने की संभावना है। बिश्नोई ने कहा कि प्राथमिकी में की जा रही जांच के संबंध में पेश किए जाने पर उसे अपनी जान को गंभीर खतरा होने की आशंका है। सरोन ने कहा कि बिश्नोई का नाम 29 मई को दर्ज प्राथमिकी में केवल जांच में कमियों को छिपाने के लिए दर्ज किया गया है। बिश्नोई के वकील ने कहा है कि उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है और गलत तरीके से जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। प्राथमिकी दर्ज होने से पहले ही पंजाब पुलिस के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने उसे इस हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा अत्यधिक संवेदनशील है क्योंकि यह पंजाबी गायक की हत्या से संबंधित है। मूसेवाला की हत्या के बाद बिश्नोई ने शुरुआत में दिल्ली उच्च न्यायालयका रुख किया था, लेकिन उसने दिल्ली उच्च न्यायालय से आवश्यक सुरक्षा उपायों की मांग वाली याचिका वापस ले ली। इस पर हाईकोर्ट ने पूछा कि जब बिश्नोई का मामले में कहीं नाम ही नहीं है तो यह याचिका क्यों दायर की जा रही है। सुनवाई के बाद याचिका को खारिज कर दिया गया।