जेनेवा। कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट ने पूरी दुनिया में चिंता पैदा कर दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि ओमिक्रॉन के मामले डेढ़ से तीन दिन में दोगुने हो रहे हैं। दक्षिण-पूर्व एशिया के सात देशों में ओमिक्रॉन की पुष्टि होने पर डब्ल्यूएचओ ने इसे फैलने से रोकने के लिए जन स्वास्थ्य सुविधाओं एवं सामाजिक उपाय तत्काल सख्त किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा देश ठोस स्वास्थ्य एवं सामाजिक उपायों से ओमिक्रॉन को फैलने से रोक सकते हैं। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि हमारा ध्यान सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों की सुरक्षा पर केंद्रित रहना चाहिए। ओमिक्रॉन से पैदा होने वाला खतरा तीन अहम सवालों पर आधारित हैदृ उसका प्रसार, टीके इसके खिलाफ कितनी अच्छी सुरक्षा प्रदान करते हैं और अन्य स्वरूपों की तुलना में ओमीक्रोन स्वरूप कितना संक्रामक है। सिंह ने कहा, अभी तक हम यह जानते हैं कि डेल्टा स्वरूप के मुकाबले ओमिक्रॉन अधिक तेजी से फैलता दिखाई देता है। डेल्टा स्वरूप के कारण पिछले कई महीनों में दुनियाभर में संक्रमण के मामले बढ़े हैं।
उन्होंने कहा दक्षिण अफ्रीका से आ रहे आंकड़ों से ओमिक्रॉन स्वरूप से फिर से संक्रमित होने का खतरा बढ़ता दिख रहा है। हालांकि, ओमिक्रॉन से गंभीर रूप से बीमार पड़ने को लेकर उपलब्ध आंकड़े सीमित हैं। डब्ल्यूएचओ अधिकारी ने कहा हमें आगामी हफ्तों में और सूचना मिलने की संभावना है। ओमिक्रॉन को हल्का मानकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर इससे ज्यादा गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ते, तब भी बड़ी संख्या में मामले एक बार फिर स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ डाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि अतरू आईसीयू बिस्तर, ऑक्सीजन की उपलब्धता, पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल कर्मी समेत स्वास्थ्य देखभाल क्षमता की समीक्षा करने तथा इसे सभी स्तरों पर मजबूत करने की आवश्यकता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि ‘ओमिक्रॉन’ वेरिएंट कई बार उत्परिवर्तन का नतीजा है। कोविड के अधिक संक्रामक स्वरूप बी.1.1.1.529 के बारे में पहली बार 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन को सूचित किया गया था। इसके बाद बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग, इजराइल, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, नीदरलैंड, जापान, जर्मनी और फ्रांस सहित कई देशों में भी इसकी पहचान की गई है। ओमिक्रॉन को कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों में सबसे खतरनाक माना जा रहा है। डब्ल्यूएचओ ने 26 नवंबर को कोरोना के इस नए वैरिएंट को ‘चिंताजनक’ स्वरूप बताते हुए ओमिक्रॉन नाम दिया। ‘चिंताजनक स्वरूप’ डब्ल्यूएचओ की कोरोना वायरस के ज्यादा खतरनाक स्वरूपों की शीर्ष श्रेणी है। कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को भी इसी श्रेणी में रखा गया था।