नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का मुखर होना भाजपा शीर्ष नेतृत्व को रास नहीं आया यहीं कारण है भारतीय जनता पार्टी ने अपने दल के संसदीय बोर्ड को पुनर्गठित करते हुए इसमें से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हटा दिया है। इस मुद्दे पर शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर तीखा तंज कसा है। एनसीपी ने कहा है कि बीजेपी नितिन गडकरी के बढ़ते कद से परेशान हो गई थी, इसलिए पार्टी ने उन्हें संसदीय बोर्ड से निकाल दिया। पार्टी ने गडकरी को कुशल और समझदार नेता बताते हुए उनके संसदीय बोर्ड से बाहर किए जाने की आलोचना की। एनसीपी के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने ट्विटर पर कहा, श्जब आपकी योग्यता और क्षमताएं बढ़ती हैं और आप वरिष्ठों के लिए चुनौती बन जाते हैं तो भाजपा आपके पर कतर देती है। दागियों को बढ़ाया जाता है।श्
विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते रखने वाले मुखर नेता गडकरी को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भाजपा संसदीय बोर्ड में जगह नहीं दी गई है। क्रैस्टो ने ट्विटर पर कहा, श्नितिन गडकरी जी को भाजपा संसदीय बोर्ड में शामिल नहीं किया जाना दर्शाता है कि एक कुशल राजनेता के तौर पर उनका कद कई गुना बढ़ गया है।श् भाजपा के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय से दोनों नेताओं को बाहर रखना उनके घटते राजनीतिक कद के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। गडकरी के प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल किया गया था।
पिछले कुछ महीनों से नितिन गडकरी ने कई आदर्शवादी बयान दिए हैं। हालांकि वे हमेशा खुले मन से बोलने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि कभी-कभी उनका राजनीति छोड़ने का मन करता है। उन्होंने कहा था, कभी-कभी राजनीति छोड़ने का मन करता है क्योंकि जीवन में करने को और भी बहुत कुछ है।श् उन्होंने कहा कि आज की राजनीति में पार्टियों का ध्यान सत्ता में बने रहने पर ज्यादा केंद्रित है। उन्होंने कहा, श्राजनीति, आजकल, सामाजिक परिवर्तन के लिए साधन के बजाय सत्ता में बने रहने पर ज्यादा केंद्रित है। इसलिए कभी-कभी राजनीति छोड़ने का मन करता है। राजनीति के अलावा और भी बहुत काम है जिससे दिल को सुकून मिलती है।