कानपुर। कानपुर में भड़की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर यूपी पुलिस एक्शन में है। पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी समेत 29 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की कार्रवाई पर कानपुर के काजी प्रमुख मौलाना अब्दुल कद्दूस कादी ने कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पुलिस कमिश्नर से एकतरफा कार्रवाई नहीं करने का आग्रह किया है। कानपुर के पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने पुलिस की कार्रवाई को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि पूरी तरह साइंटिफिक सबूत जुटाने के बाद ही कार्रवाई की जा रही है। कानपुर के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जिस दिन यह घटना हुई, उसी दिन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने पश्चिम बंगाल और मणिपुर में बंद का आह्वान किया था। इसके भी कनेक्शन को खंगाला जा रहा है।
उन्होंने दावा किया कि पकड़े गए आरोपियों के पास से पीएफआई से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। आरोपियों के पास से छह मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं। इन्हें खंगाला जा रहा है। आरोपियों के सोशल मीडिया अकाउंट भी खंगाले जा रहे हैं। कानपुर के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि अब तक की जांच में पता चला है कि इन लोगों ने शहर का माहौल खराब करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी और वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों को चिह्नित किया जा रहा है। हमारे पास सभी के नाम आ गए हैं। दो से तीन दिन में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। कानपुर के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा और इनकी प्रॉपर्टी जब्त की जाएगी। उन्होंने कहा कि कार्रवाई से ये साफ संदेश दिया जाएगा कि इस तरह की हरकत किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कानपुर के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि आज बाजार खुले हैं। पुलिस लगातार पैट्रोलिंग कर रही है। उन्होंने पर्याप्त सुरक्षाबलों की तैनाती का दावा करते हुए कहा अगर कहीं पुलिस फोर्स की कमी होगी तो जिम्मेदारी तय की जाएगी। कानपुर के पुलिस कमिश्नर ने बताया कि हमें यूपी की आर्म्ड फोर्स पीएसी की 12 और सीएपीएफ की 3 कंपनियां मिली हैं। इससे पहले कानपुर के पुलिस कमिश्नर ने कहा था कि हम हर पहलू की जांच कर रहे हैं। हर संगठन के कनेक्शन को खंगाला जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा था कि हम आरोपियों के बैंक अकाउंट की भी डिटेल निकलवाएंगे और ये पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि इनकी फंडिंग कहां से हो रही थी। गौरतलब है कि भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के पैगंबर मुहम्मद को लेकर दिए एक बयान के खिलाफ अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रैली निकाल रहे थे। इसी दौरान हिंसा भड़क उठी।